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लेखनी प्रतियोगिता -27-Mar-2023 ढौगी ब्रह्मचारी बाबा



                                   ढौगीं   ब्रह्मचारी बाबा

            अनन्या अपनी सहेली एकता के साथ ब्रह्मचारी बाबा के आश्रम में आईथी। अनन्या ने जैसे ही उस आश्रममेझ कदम रखा वहाँ पहुँचकर उसे अजीव सी शान्ति का अनुभव हुआ।

       अनन्या के मध में अनेक तरह के बिचार आरहे थे जैसे कि बाबा की उम्र क्या है। वह अपना घर परिवार छोड़कर ब्रह्मचारी क्यौ बन गये। क्यौकि अनन्या एक अच्छी पढी़ लिखी लड़कीथी। वह बाबाऔ पर  विश्वास नही करती थी।

      यह तो उसकी मजबूरी यहाँ तक लेआई थी क्यौकि उसके पति की नौकरी चली गयी। उनका दिमाग भी ठीक नहीं रहता था। ऊपर से उसके सिर पर बहुत कर्जा होगया था। उसका मन आत्महत्या करने को करता था।

      एक दिन उसकी बचपन की सहेली एकता बाजार में मिल गयी। उसकी हालत देखकर एकता ने पूछा," अनन्या तूने ये क्या हालत बना रखी है ? "

             अनन्या ने रोते हुए अपना सारा हाल बता दिया। तब एकता ने उसे ब्रहमचारी बाबा के पास चलने के लिए कहा। क्यौकि वह इस आश्रम में दो तीन बार आचुकी थी।

      अनन्या देखा आश्रम की दीवारौ पर ब्रह्मचारी बाबा के फोटो लगे हुए है। बाबा के फोटो में उनका तेज नजर आरहा था। लेकिन आनन्या ने जब बाबा का फोटो गौरसे देखा तब उसका माथा  ठनक गया और उसे याद आया कि यह बाबा तो उसकी क्लास में पढ़ने वाला विवेक है।

   लेकिन वह चुप रही क्यौकि उसने सोचा कि किसी पर इल्जाम लगाने से पहले उसके बिषय में जानकारी पक्की होंनी चाहिए। कहीं कोई हमशक्ल भी हो सकता है।

     वहाँ जाकर मालूम हुआ कि बाबा दोबजे के बाद समस्याऔ का समाधान करेंगें। अनन्या ने अपने मोबाइल में समय देखा अभी तो केवल बारह बजे हैं। अर्थात अभी दो घन्टे बाद ही बाबा से मिलना हो पायेगा।

        अनन्या को बाबा पर शक हो रहा था वह बाबा की कमजोर कडी़ को खोज रही थी। लेकिन इसका शक उसने अपनी सहेली एकता को नहीं होने दिया था।
 
        उसी समय वहाँ पर एक घटना घटी । एक गाडी़ में एक औरत कुछ गुन्डौ के साथ आई और वह गाडी़ से उतरकर एक गुफानुमा दरवाजे की तरफ बढ़गयी । जब वह उसमें प्रवेश करना चाहरही थी तब बाबा के लोगौ ने उसे रोकना चाहा।

      वह औरत चीखकर बोली," मै आज इस पाखण्डी का असली चेहरा उजागर करके रख दूँगी इस पाखण्डी ने मेरे साथ कितना बडा़ धोका किया है। पहले मुझे अपने जाल में फसाया और मुझे भगाकर लेगया और मुझसे शादी करली । इसके बाद मेरी जिन्दगी पर कालख लगाकर यह एक रात चुप चाप भाग गया। यह मुझे अब मिला है मेरे पास शादी के समय बनाये गये फोटो भी है।"

           इतना कहकर वह बाबा के मददगारौ को धक्का देकर अन्दर चली गयी और अन्दर जाकर बाबा को खीचकर बाहर लेआई और बोली," आज मैं तेरा पूरा कचा चिठा खोलकर सभी को बताऊँगी। तू कितना बडा़ पाखडी है। यहाँ बैठकर भोली भाली जनता को ठग रहा है।"

         दूसरी तरफ बाबा के आदमी और उस औरत के साथ आये हुए आदमी आपस मे झगड।ने लगे। उसी समय किसी ने पुलिस को फौन कर दिया और पुलिस आश्रम में आकर उन सभी को पकड़ कर पुलिस  चौकी लेगयी।

           बाद में मालूम हुआ कि बाबा का नाम विवेक था और उसका फेसबुक पर एक लड़की शारदा से यार होगया। और वह इतना बढ़ गया कि शारदा अपने घर से गहने व नकदी लेकर उसके साथ भाग गयी और एक मदिर में जाकर शादी करली। 

          इसके बाद वह कुछ दिन उसके साथ रहा ।एक दिन रात को उसे सोता छोड़कर भाग गया और यहाँ आकर बाबा बन गया। यहाँ उसने आश्रम बना लिया जहाँ जनता को ठग रहा था।

         अनंया बचगयी उसका अनुमान सही निकला वह उसके साथ पढा़ हुआ विवेक ही था। वह कालेज में भी बहुत तेज व मन चला था़। वह घर बापिस आगयी। वह उसके चंगुल में नहीं फस सकी।

      बाद में मालूमहुआ कि बाबा को चारसौ बीस के केस में सजा हुई थी।

      इस तरह आजकल बहुत से बाबा बनकर स्वयं को ब्रह्मचारी बताकर जनता को ठग रहे है।

आजकी दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।

नरेश शमा  " पचौरी "

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5 Comments

madhura

28-Mar-2023 05:01 PM

very nice

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अदिति झा

27-Mar-2023 11:18 PM

V nice 👍🏼

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Mohammed urooj khan

27-Mar-2023 11:11 PM

👌👌👌👌👌👌

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